yayawar । यायावर
शाश्वत सत्य की खोज में ...
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Dec 11, 2017
औसत चेहरे
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भीड़ से मैं रोज़ाना गुज़रता हूँ और भीड़ में एकदम साधारण चेहरे देखता हूँ और उनमें खोजता हूँ धरती, आसमान, दौर, दूरी, सपने, नींद, रतजगे, भ...
Dec 7, 2017
बीते हुये भविष्य के किसी दिन
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एक सुबह हमें बैठना है बारिश में नीम के पेड़ के नीचे और देखना है सूरज को रोककर रखे हुये बादलों को झूमते हुये घोंसले से झाँकती हुयी एक गौरय...
Dec 3, 2017
तत् त्वम असि
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ब्रह्माण्ड के निर्माण में जितने भी परमाणुओं का प्रयोग हुआ है उतने में कुछ और भी उतने ही आसानी से बनाया जा सकता था उन्हीं परमाणुओं के एक ...
Nov 29, 2017
जितना है
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जितना लड़ना है इसलिये कि कोई कारण लड़ने योग्य है उतना तो लड़ना है ही उससे थोड़ा ज़्यादा इसलिये लड़ना है कि अहम् की संतुष्टि हो। जितना ...
Nov 25, 2017
समुद्र तट पर
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1. समुद्री लहर का एक टुकड़ा तट से कुछ दूर नाचता था एक ऐसी धुन में जिसे तट पर अकेले बैठकर ही सुना जा सकता था और गिरता उठता था अपनी ही जग...
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